सोमवार, 10 नवंबर 2008

राहुल राज एन्काउन्टर केस : आमची पुलिस ?

बेस्ट एन्काउन्टर में मारे गए अपहरणकर्ता राहुल राज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसको काफी करीब से गोली मारने की आशंका जताई जा रही है। इस रिपोर्ट की वजह से इस केस में जबरदस्त मोड आ गया है। जे जे अस्पताल में फोरेंसिक मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर डॉ. बीजी चिकलकर के मुताबिक राहुल के सिर में लगी गोली के पास से गन पाउडर के निशान मिले है, जो इशारा करते है कि उसे नजदीक से गोली मारी गई। राहुल के शरीर पर गोली के पांच निशान थे और इसमें से चार गोली राहुल के शरीर के आर-पार निकल गई थी। पुलिस को राहुल के शरीर में से सिर्फ एक गोली मिली है इसका मतलब भी यही होता है कि पुलिस ने राहुल को एकदम करीब से गोली मारी थी। पुलिस राहुल से उसका पिस्तोल ले सकती थी इतने करीब होने के बावजूद उसे राहुल को पकडने में नहीं बल्कि उसे एन्काउन्टर कर वाह-वाही लुटने में दिलचस्पी थी। पोस्टमार्टम के इस रिपोर्ट ने मुंबई पुलिस का फांडा फोड दिया है।
अब कुछ राजनेताओं की बात करते है। मुंबई पुलिस ने यह एन्काउन्टर किया उसके बाद महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर.आर.पाटिल बहुत जोश में थे। उन्होंने मुंबई पुलिस की तारीफ में कसिदा पढने में कोई कसर नहीं छोडी। उन्होंने ऐसी घोषणा भी कर दी थी कि राहुल राज पागल था और कोई पागल इस तरह लोगों को परेशान करेगा तो उसका यही अंजाम होगा। राहुल का एन्काउन्टर सही है या गलत इस बारे में फैसला करने के लिए वह खुद ही अंतिम सत्ता पर है इस तरह पाटिल ने यह बात कह अपनी बेवकूफी को साबित किया है। यह बात ओर है कि एन्काउन्टर के एक हफ्ते बाद वे ठंडे हो गये है और महाराष्ट्र कैबिनेट बैठक में उन्होंने गुलांट मार कर कह दिया कि उन्होंने गोली का जवाब गोली से मिलेगा यह डायलोग आतंकवादियों के लिए कही थी, राहुल राज जैसे लडकों के लिए नहीं। पाटिल का यह ह्र्दय परिवर्तन क्यों हुआ यह समझना आसान है।
केन्द्र में कांग्रेस की सरकार है और यह सरकार लालू जैसे लोगों के कारण टिकी हुई है। राहुल राज का एन्काउन्टर हुआ इसलिए लालू ने अपने तमाम सांसदों और विधायकों का इस्तीफा देने की घोषणा की इसके कारण कांग्रेसियों में भगदड मच गई है और वे लालू को मनाने में लग गये है। लालू को मनाने हेतु केन्द्र सरकार ने पाटिल को सूई चुभोई है और इस कारण पाटिल ऐसी समझदारीभरी बातें कर रहे है।
राहुल राज के एन्काउन्टर केस में दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है और अब क्या करना है यह केन्द्र सरकार के हाथ में है। राहुल का एन्काउन्टर सही था या गलत इस बात को एक ओर रख रखते है। अब बात कांग्रेस की नीति पर आकर रुकती है। गुजरात में पुलिस ने शोहराबुद्दीन नामक एक गेंगस्टर को एन्काउन्टर में उडा दिया और यह एन्काउन्टर नकली था ऐसा बाहर आने के बाद कांग्रेस ने इस मामले समग्र देश में हल्ला मचा दिया और इस मामले गुजरात की मोदी सरकार को हटाने की मांग की।
कांग्रेस ने सही किया या गलत इसकी चर्चा यहां अप्रस्तुत है क्योंकि यह नीति का मामला है और कांग्रेस को अपनी नीति तय करने का पूरा हक है। सवाल यह है कि कांग्रेस वही नीति राहुल राज एन्काउन्टर केस में लागू करती है या नहीं ? शोहराबुद्दीन गेंगस्टर था तो भी उसे मारने का पुलिस को कोई हक नहीं था ऐसा कहने वाले कांग्रेसी नेता राहुल राज नामक एक निर्दोष युवक के एन्काउन्टर के मामले भी यही बात करते है या नहीं ? केन्द्र में कांग्रेस की सरकार है और महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की सरकार है। उनकी ही सरकार के गृहमंत्री ने इस एन्काउन्टर को सही बताया था। देखना यह है कि कांग्रेस भाजपा सरकार के लिए अलग नीति और अपनी सरकार के लिए अलग नीति रखती है या सभी को एक ही तराजू से तोलेगी। मेरी आवाज इस देश की जनता की आवाज है जो इन ऊंचे पदों पर बैठे लोगों से इस सवाल का जवाब चाहती है।
जय हिंद

2 टिप्‍पणियां:

प्रदीप मानोरिया ने कहा…

महाराष्ट्र की सरकार और ठाकरे के तार कहाँ तक जुड़े है कोई नागरिक इसका जवाव दे सके तो .....
सुंदर विवेचन सत्य का "सत्यमेव जयते"

प्रदीप मानोरिया ने कहा…

कुछ नया लिखिए इंतज़ार है